About Us
दीपावली क्या हैं ?
दीपावली (ज्ञान का अलौकिक प्रकाश) एक हिंदी ब्लॉगिंग वेबसाइट हैं जिसमें विभिन्न विषयों पर जानकारी दी जाती हैं . हमारी साईट को भारत की टॉप 10 हिंदी ब्लॉगिंग साईट में गिना जाता हैं . विभिन्न विषयों पर जानकारी इक्कट्ठी कर उसे पाठकों तक पहुँचाने का कार्य हमारी टीम द्वारा किया जाता हैं जिसमें बहुत सी लेखिकाएँ कार्य करती हैं, जो अपने –अपने शौक के अनुसार विभिन्न विषयों पर लिखती हैं . यह सभी लेखिकायें ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट हैं जिनमें कई टेक्निकल फिल्ड में पोस्ट ग्रेजुएट हैं लेकिन लेखन में रूचि होने के कारण वे सभी नियमित रूप से दीपावली के लिए लिखती हैं . दीपावली में जीवन परिचय, त्यौहार, सामान्य ज्ञान, सरकारी योजनायें, कविता, कहानियाँ एवं फाइनेंस से संबंधी विषयों पर जानकारी लिखी जाती हैं . यह सभी विषयों पर हमारे लेखक रिसर्च करके सारी जानकारी देने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं और अपने पाठकों की रूचि एवं उनकी इच्छानुसार कंटेंट तैयार करते हैं . हमारे ब्लॉग ने भी हिंदी भाषा में बड़ी मात्रा में सामाग्री को इंटरनेट पर उपलब्ध करवाने में रोचक भूमिका अदा की है जिसका श्रेय हमारे लेखको को जाता हैं जो दिन रात हमारे लिये काम करते हैं .
आपने अब तक मेरे ब्लॉग के बारे में जाना, जिसमे आपको बताया गया है कि आप क्या -क्या पढ़ सकते हैं लेकिन अब हम कुछ पीछे जाते हैं और आपको यह बताते हैं कि कैसे मैं एक ब्लॉगर बना और कैसे दीपावली एक टीम बनी.
कैसे बना मैं एक ब्लॉगर ?
यह तो एक स्वाभाविक सी बात हैं कि अगर कोई भी ब्लॉगर हैं तो उसे लिखने पढ़ने का शौक होता हैं और वो इंटरनेट को थोडा बहुत समझता हैं . मैं भी कुछ ऐसा ही था लेकिन एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर होने के कारण बहुत समय निकाल पाना मेरे लिए आसान नहीं था. फिर भी मै खुद को टाइम देते हुये कुछ न कुछ लिख कर पब्लिश करता रहता था, जिससे मुझे ब्लॉगिंग के बारे में थोडा बहुत पता था लेकिन उसे प्रोफेशन बनाने के बारे में मैंने कभी नहीं सोचा .
किस तरह बना दीपावली हिन्दी ब्लॉग ?
फिर लाइफ में एक चेंज आया, मेरे छोटे भाई की शादी हुई और अंकिता अग्रवाल ने हमारी फॅमिली को ज्वाइन किया. अंकिता शादी से पहले बिज़नेस मैनेजमेंट फील्ड में जॉब करती थी, लेकिन शादी के बाद मेरे भाई को UK जाना था, इसलिए हमने सोचा क्यों ना हम एक ब्लॉग शुरू कर ले, इससे मेरा सपना भी पूरा हो जायेगा और अंकिता काम भी कर सकेगी. क्योकि आम तौर पर ऐसा होता है, कि लड़कियों को शादी के बाद अपना सपना और अपनी जॉब छोड़नी पड़ जाती है. और तब हमने दीपावली ब्लॉग वर्ष 2013 में बनाया, जिसे अंकिता अग्रवाल ने मैनेज किया और आज भी कर रही है. और इस तरह अंकिता घर की जिम्मेदारियों के साथ साथ ब्लॉगिंग फील्ड में भी काम करने लगी .
कैसे मैंने जॉब छोडने का निर्णय लिया ?
ब्लॉग तो बन गया और हमने इसमें हर तरह के आर्टिकल डाले . ब्लॉग के लिए काम करते करते ही हमें कुछ और ऐसे लोग मिले जिन्हें लिखने का शौक था और हमने उन्हें भी अपनी टीम में शामिल किया इस तरह हमारा ब्लॉग दिन पर दिन बड़ा होता गया और हमारी टीम भी . दीपावली के इस वर्किंग माहोल को देख मेरा भी मन अपनी जॉब में नहीं लग रहा था मुझे भी कुछ नया करना था. साथ ही सॉफ्टवेयर फिल्ड में रहते हुये ब्लॉग का काम करना मुझे ठीक नहीं लग रहा था, क्यूंकि मेरा शुरू से मानना था कि “हमें एक ही कश्ती में सवार होना चाहिये” क्यूंकि अलग अलग वर्किंग फिल्ड में रहने से हम किसी एक के साथ भी न्याय नहीं कर पाते और ये मेरे उसूलो के खिलाफ था. इस तरह वर्ष 2014 में मैंने रिजाइन कर दिया और दो महीने तक अपनी फॅमिली को भरपूर टाइम दिया . मध्यप्रदेश में रहने वाला मैं अपने पुरे परिवार के साथ अपनों से मिलने गया. मैंने अपनी जॉब से मिलने वाली आजादी को अपनों के साथ बांटा . इस तरह मैंने मई 2014 में अंकिता के साथ उसकी टीम दीपावली को पूरी तरह ज्वाइन किया .
आगे बढ़ते बढ़ते हम नीचे आ गए
अब मेरा सपना दीपावली को नंबर वन हिंदी ब्लॉग बनाने का था . अब तक हम अच्छा परफॉर्म कर रहे थे मुझे विश्वास था मेरा जॉब एक्सपीरियंस मुझे मेरे ब्लॉग में और अधिक सफलता देगा . लेकिन 2014 में गूगल का नया अपडेट आया और अचानक ही मेरी साईट का ट्रेफिक डाउन हो गया . हमारा ब्लॉग लोगो तक नहीं पहुँच रहा था या यूँ कहे हमें SEO का कोई ज्ञान नहीं था .
मैं जॉब छोड़ चूका था लेकिन इस तरह का अनुभव मेरे लिए नया था मैंने जो सोच कर जॉब छोड़ा था उससे पूरा उल्टा मेरे साथ हुआ . मेरे अपने मुझे लेकर परेशान थे . सबका कहना था कि मुझे वापस सॉफ्टवेयर फिल्ड में जाना चाहिये क्यूंकि मुझ पर परिवार की जिम्मेदारी थी, पर मेरा मन मानने को तैयार नहीं था.
दीपावली बंद करने का फैसला
अब तक मेरी टीम में कई और लोग भी जुड़ चुके थे जिनका’ दीपावली ब्लॉग से एक इमोशनल अटैचमेंट था. एक ऐसा वक्त आया जब मैंने सोचा कि मुझे ये ब्लॉग बंद कर देना चाहिये पर, अब दीपावली केवल मेरी नहीं थी बहुत से लोगो की थी इसलिए हम इसे बंद नहीं कर पाये क्यूंकि एक राइटर के लिए उसके ब्लॉग उसकी पहचान होते हैं शायद इसलिए मेरी टीम के लिए दीपावली ऐसी थी जैसे मां के लिए उसका बच्चा .
बहुत सी निराशा के बीच हमारे लिए दीपावली से अटैचमेंट ही हमारी सबसे बड़ी हिम्मत थी . अब हमने नये जोश के साथ काम शुरू किया . मेरी टीम में मेरे अलावा सभी महिलाये ही हैं हमारी दीपावली महिला शक्ति का एक केंद्र हैं इसलिए ही मैंने कहा था कि दीपावली से मेरी टीम का रिश्ता एक मां और बच्चे की तरह हैं क्यूंकि महिलाये अगर कोई काम करती हैं तो उसे दिल और दिमाग दोनों से करती हैं .
सारी नकारात्मकताओं को पीछे छोड़ हमने दीपावली का काम और अच्छे से शुरू किया . अब सबसे ज्यादा जरुरी था SEO को समझना जिसका काम मैंने खुद किया जिसे मैंने अपने अनुभवों के साथ साथ हासिल करना शुरू किया और हर एक बात को अपनी टीम के साथ साझा किया . धीरे धीरे दीपावली का ट्रेफिक बढ़ने लगा .
दीपावली बनी वूमेन एम्पावरमेंट का उदाहरण
दीपावली के बढ़ते कदमों के साथ साथ टीम भी बढ़ती चली गई और इस टीम ने वूमेन एम्पावरमेंट का एक एक अच्छा उदहारण पेश किया. दीपावली के अनुभव के साथ – साथ हममे आत्मविश्वास भी आया जो मैंने मई 2014 में खो दिया था. इसे देख मेरी वाइफ़ रचना नागल को इतना अच्छा लगा कि उन्होने भी अपनी जॉब को छोड़ कर हमे जॉइन किया. वो अमेठी यूनिवरसिटी में लेक्चरर थी पर उन्होने दीपावली को चुना क्यूंकि इस तरह का काम एक महिला के लिए भगवान के वरदान की तरह होता हैं क्यूंकि वो इसके जरिये वर्किंग होते हुये अपने परिवार और बच्चो को पूरा टाइम दे पाती हैं . रचना के टीम को जॉइन करने के बाद मेरे दिमाग में यह बात आई कि यह सही हैं कि यह काम किसी महिला के लिए बहुत अच्छा और तभी से हमने इसमे महिलाओं को ही ज्यादा से ज्यादा मौका दिया ताकि वे बिना सेक्रेफाइस किए अपनी पहचान बना सके.
रचना ने ब्लॉग के साथ – साथ दीपावली को और अधिक आगे बढ़ाने के लिए इसका यू ट्यूब चैनल भी बनाया जिसमे अब तक हमारे ढेरों सब्सक्राइबर हो चुके हैं । रचना इस चैनल की आवाज हैं । इस चैनल में भी उन सभी विषयों को कवर किया गया हैं जो दीपावली ब्लॉग में हैं । इसके एसईओ से संबंधी विडियो मैं खुद डालता हूँ ताकि मेरे जैसे लोग भी अपना सपना पूरा कर सके । दीपावली के यू ट्यूब चैनल के साथ – साथ हमने बिज़नस आइडिया ब्लॉग का भी यू ट्यूब चैनल बनाया हैं जिसका रिस्पोंस भी काफी अच्छा हैं । और अब तक इसके भी अच्छे खासे सब्सक्राइबर बन चुके हैं । इस चैनल की आवाज भी रचना नागल हैं ।
दीपावली महिला शक्ति का एक बड़ा रूप हैं जिसे महिलाओं की मेहनत ने यहाँ तक पहुंचाया हैं । हमारी टीम के सभी सदस्यो की दिन रात की मेहनत के बाद आज दीपावली का यह रूप हैं जहां हम इस ब्लॉग को बंद कर देना चाहते हैं लेकिन हमारे दिलों ने हमे यह इजाजत नहीं दी और आज दिलों की इस आवाज के कारण हम इस मुकाम पर हैं ।
दीपावली (ज्ञान का अलौकिक प्रकाश) एक हिंदी ब्लॉगिंग वेबसाइट हैं जिसमें विभिन्न विषयों पर जानकारी दी जाती हैं . हमारी साईट को भारत की टॉप 10 हिंदी ब्लॉगिंग साईट में गिना जाता हैं . विभिन्न विषयों पर जानकारी इक्कट्ठी कर उसे पाठकों तक पहुँचाने का कार्य हमारी टीम द्वारा किया जाता हैं जिसमें बहुत सी लेखिकाएँ कार्य करती हैं, जो अपने –अपने शौक के अनुसार विभिन्न विषयों पर लिखती हैं . यह सभी लेखिकायें ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट हैं जिनमें कई टेक्निकल फिल्ड में पोस्ट ग्रेजुएट हैं लेकिन लेखन में रूचि होने के कारण वे सभी नियमित रूप से दीपावली के लिए लिखती हैं . दीपावली में जीवन परिचय, त्यौहार, सामान्य ज्ञान, सरकारी योजनायें, कविता, कहानियाँ एवं फाइनेंस से संबंधी विषयों पर जानकारी लिखी जाती हैं . यह सभी विषयों पर हमारे लेखक रिसर्च करके सारी जानकारी देने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं और अपने पाठकों की रूचि एवं उनकी इच्छानुसार कंटेंट तैयार करते हैं . हमारे ब्लॉग ने भी हिंदी भाषा में बड़ी मात्रा में सामाग्री को इंटरनेट पर उपलब्ध करवाने में रोचक भूमिका अदा की है जिसका श्रेय हमारे लेखको को जाता हैं जो दिन रात हमारे लिये काम करते हैं .
आपने अब तक मेरे ब्लॉग के बारे में जाना, जिसमे आपको बताया गया है कि आप क्या -क्या पढ़ सकते हैं लेकिन अब हम कुछ पीछे जाते हैं और आपको यह बताते हैं कि कैसे मैं एक ब्लॉगर बना और कैसे दीपावली एक टीम बनी.
कैसे बना मैं एक ब्लॉगर ?
यह तो एक स्वाभाविक सी बात हैं कि अगर कोई भी ब्लॉगर हैं तो उसे लिखने पढ़ने का शौक होता हैं और वो इंटरनेट को थोडा बहुत समझता हैं . मैं भी कुछ ऐसा ही था लेकिन एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर होने के कारण बहुत समय निकाल पाना मेरे लिए आसान नहीं था. फिर भी मै खुद को टाइम देते हुये कुछ न कुछ लिख कर पब्लिश करता रहता था, जिससे मुझे ब्लॉगिंग के बारे में थोडा बहुत पता था लेकिन उसे प्रोफेशन बनाने के बारे में मैंने कभी नहीं सोचा .
किस तरह बना दीपावली हिन्दी ब्लॉग ?
फिर लाइफ में एक चेंज आया, मेरे छोटे भाई की शादी हुई और अंकिता अग्रवाल ने हमारी फॅमिली को ज्वाइन किया. अंकिता शादी से पहले बिज़नेस मैनेजमेंट फील्ड में जॉब करती थी, लेकिन शादी के बाद मेरे भाई को UK जाना था, इसलिए हमने सोचा क्यों ना हम एक ब्लॉग शुरू कर ले, इससे मेरा सपना भी पूरा हो जायेगा और अंकिता काम भी कर सकेगी. क्योकि आम तौर पर ऐसा होता है, कि लड़कियों को शादी के बाद अपना सपना और अपनी जॉब छोड़नी पड़ जाती है. और तब हमने दीपावली ब्लॉग वर्ष 2013 में बनाया, जिसे अंकिता अग्रवाल ने मैनेज किया और आज भी कर रही है. और इस तरह अंकिता घर की जिम्मेदारियों के साथ साथ ब्लॉगिंग फील्ड में भी काम करने लगी .
कैसे मैंने जॉब छोडने का निर्णय लिया ?
ब्लॉग तो बन गया और हमने इसमें हर तरह के आर्टिकल डाले . ब्लॉग के लिए काम करते करते ही हमें कुछ और ऐसे लोग मिले जिन्हें लिखने का शौक था और हमने उन्हें भी अपनी टीम में शामिल किया इस तरह हमारा ब्लॉग दिन पर दिन बड़ा होता गया और हमारी टीम भी . दीपावली के इस वर्किंग माहोल को देख मेरा भी मन अपनी जॉब में नहीं लग रहा था मुझे भी कुछ नया करना था. साथ ही सॉफ्टवेयर फिल्ड में रहते हुये ब्लॉग का काम करना मुझे ठीक नहीं लग रहा था, क्यूंकि मेरा शुरू से मानना था कि “हमें एक ही कश्ती में सवार होना चाहिये” क्यूंकि अलग अलग वर्किंग फिल्ड में रहने से हम किसी एक के साथ भी न्याय नहीं कर पाते और ये मेरे उसूलो के खिलाफ था. इस तरह वर्ष 2014 में मैंने रिजाइन कर दिया और दो महीने तक अपनी फॅमिली को भरपूर टाइम दिया . मध्यप्रदेश में रहने वाला मैं अपने पुरे परिवार के साथ अपनों से मिलने गया. मैंने अपनी जॉब से मिलने वाली आजादी को अपनों के साथ बांटा . इस तरह मैंने मई 2014 में अंकिता के साथ उसकी टीम दीपावली को पूरी तरह ज्वाइन किया .
आगे बढ़ते बढ़ते हम नीचे आ गए
अब मेरा सपना दीपावली को नंबर वन हिंदी ब्लॉग बनाने का था . अब तक हम अच्छा परफॉर्म कर रहे थे मुझे विश्वास था मेरा जॉब एक्सपीरियंस मुझे मेरे ब्लॉग में और अधिक सफलता देगा . लेकिन 2014 में गूगल का नया अपडेट आया और अचानक ही मेरी साईट का ट्रेफिक डाउन हो गया . हमारा ब्लॉग लोगो तक नहीं पहुँच रहा था या यूँ कहे हमें SEO का कोई ज्ञान नहीं था .
मैं जॉब छोड़ चूका था लेकिन इस तरह का अनुभव मेरे लिए नया था मैंने जो सोच कर जॉब छोड़ा था उससे पूरा उल्टा मेरे साथ हुआ . मेरे अपने मुझे लेकर परेशान थे . सबका कहना था कि मुझे वापस सॉफ्टवेयर फिल्ड में जाना चाहिये क्यूंकि मुझ पर परिवार की जिम्मेदारी थी, पर मेरा मन मानने को तैयार नहीं था.
दीपावली बंद करने का फैसला
अब तक मेरी टीम में कई और लोग भी जुड़ चुके थे जिनका’ दीपावली ब्लॉग से एक इमोशनल अटैचमेंट था. एक ऐसा वक्त आया जब मैंने सोचा कि मुझे ये ब्लॉग बंद कर देना चाहिये पर, अब दीपावली केवल मेरी नहीं थी बहुत से लोगो की थी इसलिए हम इसे बंद नहीं कर पाये क्यूंकि एक राइटर के लिए उसके ब्लॉग उसकी पहचान होते हैं शायद इसलिए मेरी टीम के लिए दीपावली ऐसी थी जैसे मां के लिए उसका बच्चा .
बहुत सी निराशा के बीच हमारे लिए दीपावली से अटैचमेंट ही हमारी सबसे बड़ी हिम्मत थी . अब हमने नये जोश के साथ काम शुरू किया . मेरी टीम में मेरे अलावा सभी महिलाये ही हैं हमारी दीपावली महिला शक्ति का एक केंद्र हैं इसलिए ही मैंने कहा था कि दीपावली से मेरी टीम का रिश्ता एक मां और बच्चे की तरह हैं क्यूंकि महिलाये अगर कोई काम करती हैं तो उसे दिल और दिमाग दोनों से करती हैं .
सारी नकारात्मकताओं को पीछे छोड़ हमने दीपावली का काम और अच्छे से शुरू किया . अब सबसे ज्यादा जरुरी था SEO को समझना जिसका काम मैंने खुद किया जिसे मैंने अपने अनुभवों के साथ साथ हासिल करना शुरू किया और हर एक बात को अपनी टीम के साथ साझा किया . धीरे धीरे दीपावली का ट्रेफिक बढ़ने लगा .
दीपावली बनी वूमेन एम्पावरमेंट का उदाहरण
दीपावली के बढ़ते कदमों के साथ साथ टीम भी बढ़ती चली गई और इस टीम ने वूमेन एम्पावरमेंट का एक एक अच्छा उदहारण पेश किया. दीपावली के अनुभव के साथ – साथ हममे आत्मविश्वास भी आया जो मैंने मई 2014 में खो दिया था. इसे देख मेरी वाइफ़ रचना नागल को इतना अच्छा लगा कि उन्होने भी अपनी जॉब को छोड़ कर हमे जॉइन किया. वो अमेठी यूनिवरसिटी में लेक्चरर थी पर उन्होने दीपावली को चुना क्यूंकि इस तरह का काम एक महिला के लिए भगवान के वरदान की तरह होता हैं क्यूंकि वो इसके जरिये वर्किंग होते हुये अपने परिवार और बच्चो को पूरा टाइम दे पाती हैं . रचना के टीम को जॉइन करने के बाद मेरे दिमाग में यह बात आई कि यह सही हैं कि यह काम किसी महिला के लिए बहुत अच्छा और तभी से हमने इसमे महिलाओं को ही ज्यादा से ज्यादा मौका दिया ताकि वे बिना सेक्रेफाइस किए अपनी पहचान बना सके.
रचना ने ब्लॉग के साथ – साथ दीपावली को और अधिक आगे बढ़ाने के लिए इसका यू ट्यूब चैनल भी बनाया जिसमे अब तक हमारे ढेरों सब्सक्राइबर हो चुके हैं । रचना इस चैनल की आवाज हैं । इस चैनल में भी उन सभी विषयों को कवर किया गया हैं जो दीपावली ब्लॉग में हैं । इसके एसईओ से संबंधी विडियो मैं खुद डालता हूँ ताकि मेरे जैसे लोग भी अपना सपना पूरा कर सके । दीपावली के यू ट्यूब चैनल के साथ – साथ हमने बिज़नस आइडिया ब्लॉग का भी यू ट्यूब चैनल बनाया हैं जिसका रिस्पोंस भी काफी अच्छा हैं । और अब तक इसके भी अच्छे खासे सब्सक्राइबर बन चुके हैं । इस चैनल की आवाज भी रचना नागल हैं ।
दीपावली महिला शक्ति का एक बड़ा रूप हैं जिसे महिलाओं की मेहनत ने यहाँ तक पहुंचाया हैं । हमारी टीम के सभी सदस्यो की दिन रात की मेहनत के बाद आज दीपावली का यह रूप हैं जहां हम इस ब्लॉग को बंद कर देना चाहते हैं लेकिन हमारे दिलों ने हमे यह इजाजत नहीं दी और आज दिलों की इस आवाज के कारण हम इस मुकाम पर हैं ।
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Reviewed by Admin
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May 09, 2021
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