सीता नवमी
सीता नवमी मिथिला के राजा जनक और रानी सुनयना की बेटी और अयोध्या की रानी देवी सीता के अवतार दिवस के रूप मे मनाया जाता है, इस दिन को सीता जयंती, जानकी नवमी, जानकी जयंती भी कहा गया है। शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को पुष्य नक्षत्र के मध्याह्न काल में जब राजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे, उसी समय पृथ्वी से एक बालिका प्रकट हुई। जोती हुई भूमि तथा हल के नोक को भी 'सीता' कहा जाता है, इसलिए बालिका का नाम 'सीता' रखा गया था।
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सीता नवमी 2020
वर्ष 2020 में सीता नवमी 2 मई को मनाई जाएगी, सीता जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष के दौरान नवमी तिथि को मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि देवी सीता का जन्म मंगलवार को पुष्य नक्षत्र में हुआ था। देवी सीता का विवाह भगवान राम से हुआ था जिनका जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के दौरान नवमी तिथि को हुआ था। हिंदू कैलेंडर में सीता जयंती रामनवमी के एक महीने बाद आती है।
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Happy Sita Navami |
सीता नवमी का महत्व
सीता नवमी को देवी सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को सीता जयंती के रूप में भी जाना जाता है। विवाहित महिलाएं सीता नवमी के दिन उपवास रखती हैं और अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करती हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार इस पावन पर्व पर जो भी भगवान राम सहित माँ जानकी का व्रत-पूजन करता है, उसे पृथ्वी दान का फल एवं समस्त तीर्थ भ्रमण का फल स्वतः ही प्राप्त हो जाता है एवं समस्त प्रकार के दु:खों, रोगों व संतापों से मुक्ति मिलती है।
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August 11, 2020
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